ग्रामीण विकास में महिलाओं की भूमिका
Abstract
ग्रामीण विकास तथा सामुदायिक विकास कार्यक्रम को सफल बनाने में पंचायतीराज की महत्वपूर्ण भूमिका है। संविधान के 73वे संशोधन के माध्यम से पंचायतों को अधिक स्वतंत्र और प्रभावशाली बनाया गया है तथा महिलाओं को एक-तिहाई पद देकर उन्हें समानता देने का प्रयास किया है। लेकिन क्या पंचायतों में चुनकर आने के बाद राजनैतिक प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है? क्या वे पंचायतीराज की प्रशासनिक प्रक्रियाओं एवं 73वे संविधान संशोधन को समझ रही हैं? क्या पंचायतीराज अधिनियम 1994 के कानूनी प्रावधानों की जानकारी उन्हें है और क्या वे उनमें रुचि ले रही हैं? ग्रामीण विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने में उनकी भूमिका क्या है? प्रस्तुत है इसके सन्दर्भ में एक लेख।