भारत में महिलाओं के लिए आरक्षण कुछ उभरते प्रश्न
Abstract
आरक्षण एक ऐसा शब्द है जो सदैव विवादास्पद रहा है। आजादी के पचास वर्ष बाद भी भारत में न तो आरक्षण समाप्त कर सके हैं और न ही राजनीति में इसके दुरूपयोग को रोक सकें है। भारत में जन समस्याओं की ओर निरन्तर ध्यान आकर्षित किया जाता रहा है उन्हीं में एक प्रश्न महिलाओं की राजनीति में कम भागीदारी का भी है। भारत के गौरवशाली इतिहास में स्त्रियों का योगदान हर क्षेत्र में प्रभावशाली रहा, स्वतन्त्रता संग्राम की गाथा बिना महारानी लक्ष्मीबाई के न केवल अधूरी रहेगी बल्कि उसकी एक महत्वपूर्ण कड़ी टूट ही जायेगी, फिर भी यदि हम राजनीति में महिलाओं की भागदारी के सवाल पर उलझते हुए दिखाई देते हैं तो ये वास्तव में बहुत ही बड़ी विडम्बना है,